श्री हनुमान जी की स्तुति
स्तुति
नमो केसरी पूत महावीर वीरं,
मंङ्गलागार रणरङ्गधीरं |
कपिवेष महेष वीरेश धीरं,
नमो राम दूतं स्वयं रघुवीरं |
नमो अञ्जनानंदनं धीर वेषं,
नमो सुखदाता हर्ता क्लेशं |
किए काम भगतों के तुमने सारे,
मिटा दुःख दारिद संकट निवारे |
सुग्रीव का काज तुमने संवारा,
मिला राम से शोक संताप टारा|
गये पार वारिधि लंका जलाई,
हता पुत्र रावण सिया खोज लाई |
सिया का प्रभु को सभी दुःख सुनाया,
लखन पर पड़ा कष्ट तुमने मिटाया |
सभी काज रघुवर के तुमने संवारे,
सभी कष्ट हरना पड़े तेरे द्वारे |
कहे दास तेरा तुम्हीं मेरे स्वामी,
हरो विघ्न सरे नमामी नमामी |