Shree Hanuman Ji Ki Aarti (आरती)
श्री हनुमान जी की आरती
श्री हनुमान जी की आरती
सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर प्रातः ही स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
कुशा या ऊन के आसन पर बैठकर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र सामने रखकर श्री हनुमान यंत्र को ताम्रपत्र पर खुदवाकर मूर्ति के पास रखें और सिन्दूर, चावल, लाल फूल, धूप, घी का दीपक, अगरबत्ती द्वारा पूजन करें।
बूंदी के लड्डू का भोग लगायें पुष्प हाथ में लेकर निचे लिखा श्लोक पढ़ें।
अतुलित बलधामं हेम शैलाभदेहं,
दनुज-वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं,
रघुपति प्रियभक्तं वातात्मजं नमामि॥
इसके उपरान्त फूल अर्पण करके हनुमान जी का ध्यान करते हुए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करके लाल चन्दन की माला से "हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट" मंत्र का १०८ बार नित्य प्रति जाप करें।
Hanuman Chalisa is a poetic work written by Tulsidas in Awadhi which describes the qualities and actions of Lord Rama's great devotee Hanuman in forty four-quarters. This is a very small work in which beautiful praise of Pawanputra Shri Hanuman has been given. In this, not only is the sentiment of Bajrang Bali, Shri Ram's personality is also etched in simple words.